आज औरतों की चौपाल लगी है
और उसमे सब के सब इक्कट्ठा हैं
इस बात पर विचार के लिए के लिए
के
इक अदालत लगाई जाये
जिरह की जाये
और कुछ फैसले लाये जाएँ
सबकी सहमती से
आज अदालत बैठ गयी है
इक पसरे सन्नाटे के बीच
और
आज के अदालत में इल्जाम पुरोहितों पर लगा है
तलब हैं वो अपने पुलिंदे के साथ
उनकी जिरह के लिए
जितने खड़े थे
इक इक कर सब खिसक गए
इस भय में के
कि कहें दुनिया उलट गयी तो
पर औरतें मुस्तैद थीं एक एक जिरह पर पैनी निगाह के साथ
जिरह अभी जारी है
............................................अलका
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