दूसरे के घरों में
बर्तन माजते , कपडे धोते, झाडू लगाते, पोंछा करते
ऐसे बहुत से चरित्र हैं
जिसे जीती हैं छोटी जात की औरतें
और वो
जो दिखती है गहनों से लदी
बिना पैसे के उम्र भर
लगाती है दिन रात पोंछा , झाड़ू
धोती है कपडे
ये तो सब की सब हैं
छोटी जाती की
'औरतें '
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