छोटू हर दिन सपने देखता है
ढेरों .....
सोते - जागते, उठते - बैठते
उसकी आँखें भरी होती हैं अनगिनत सपनो
और उन्हें सच करने की मंशा से
पर
पेट की आग और मजबूरियां उसे ला खड़ा करती हैं
ढाबे की चौखट पर
कमा लाने के लिए चंद सिक्के
जहाँ छोटे छोटे उसके हाँथ दिनभर खेलते रहते है
प्लेट प्लेट और उंगली पकडाई
से सवाल
पर फिर भी वो सपने देखता है
हर रोज
सुनहरे सुनहरे
२
एक सपना बड़ा खींचता है उसे
वो दौड़ता रहता है उसके पीछे
नीद में पूरी रात
के एक स्कूल उसका भी है
बड़ा सा मालिक के बच्चे वाले सा
वो स्कूल जाता है
सुबह सुबह
सुन्दर साफ़ सुथरी ड्रेस पहन
एक डक वाली बोतल और
सुन्दर से टिफिन बॉक्स और बड़ा सा बस्ता ले
काले- काले जूते , सफ़ेद मोज़े
अहा !
वो चहकता है यह देख के
उसे छोड़ने
रोज आती है मां
बस तक
और वो बाय कह
हर रोज वैन में चढ़ जाता है
और छन्न न न
टूट जाती है इक प्लेट
जमीन पर गिर
मालिक तो जैसे सनक जाता है
उसका कान हाथ में ले पूछ बैठता है
साले आज फिर टूट गयी ?
रोज तोड़ता है एक प्लेट ?
कौन भरेगा पैसे ? तेरा बाप?
बस
उसकी आँखों में इक दुःख भी तैर जाता है
वैसे ही जैसे वो
सपना देखता है
सोते - जागते, उठते- बैठते
३.
ऐसी डांट के बाद
अक्सर
जब भी कोइ पूछता है
स्कूल क्यों नहीं जाता रे ?
जबाब में
सर झुका देता है धीरे से
और पलट कर पूछता है
क्या चहिये साब ?
चाय -समोसा , वाटता बड़ा , डोसा, इडली - संभार
और ............
इसी तरह इक बड़ी सी लिस्ट ले
हर दिन विनम्र हो
सबके सामने खड़ा रहता
अपने सपनो की देह पर
ऑर्डर मिलते ही पलट कर
हिरन हो जाता है वो
कभी सर झुकाए और कभी
होले से मुस्कुरा
४.
आज किसी ने टिप दी है उसे
५ रुपये की
और वो विफर रहा है
जार - जार
साहब कम से कम आप तो मत दीजिए
भीख
रोज सोचता हूँ
आपसे कहूँगा अपना वो सपना
और पूछूँगा के कैसे सच होगा
वो
अगर टिप देनी ही है तो
रास्ता दीजिए मुझे
मेरे सपनो पर चलने का
एक स्कूल चाहिए मुझे
एक बस्ता
और कुछ किताबें भी
पानी की बोतल और टिफिन ना भी हो
तो चलेगा
................................................ अलका
एक कटु सत्य को उकेरा है…………।
ReplyDeleteसमाज कि आर्थिक घोर विसमता के नैराश्य को आपने एक सकारात्मक राह कि ओर दिशा दिखाइ है ।आप बधाइ के पात्र है
ReplyDeletesach kalam se abhivyakt karanaa jitanaa aasaan hai ,hakeekat me dhaalana utanaa hi durooh hai .apano se alag ek hi bachche ka sapanaa poora ka dena mahaayagya hoga .aao ek sarthak pahal kare.
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